रविवार, 16 दिसंबर 2012

desh bechne ki taiyaari

रिटेल में विदेशी निवेश लाकर सरकार अब देश को बेचने की तैयारी में है ऐसा लग रहा है जिस तरह से देश में घोटाले हो रहे हैं उसी तरह सरकार भी अब देश बेचने की तैयारी में है रिटेल में विदेशी निवेश आने से हमारा देश गुलामी की कगार पर है मेरा यह सवाल सरकार से है की विदेशी निवेश क्यों आ रहा है विदेशी निवेश से क्या फायदा होगा क्या हमारी सरकार विदेशियों के आगे दब गयी है जो विदेशी निवेश लाने की तैयारी में है यह सवाल में सरकार से पूछना चाहूँगा अब आप हमारे मंत्री कपिल सिब्बल साहब को देखिये कहते हैं की विदेशी निवेश आने से देश नहीं बिकेगा देश की हालत सुधरेगी पर देश बिकेगा और देश गुलाम ही बनेगा जब सरकार हमारे सर से पैसा निकाल रही है बिजली का बिल लेकर पानी का बिल लेकर बस के टिकट में बढ़ोतरी कर तो यह विदेशी निवेश क्यों अगर स्टोर खोलने ही हैं तो भारतियों को स्टोर खोलने की अनुमति दे और उन्हें ही निवेश करने दे विदेशी निवेश से हमारे देश के खुदरा व्यापारी बेरोजगार हो जायेंगे जनता इन्ही आउटलेट्स में जायेगी हमारे व्यापारी बेरोजगार हो जायेंगे वह क्या खायेंगे क्या वह भूखे मरेंगे इससे रोजगार नहीं बढ़ेंगे उल्टा बेरोजगारी  ज्यादा होगी महंगाई भी कम नहीं होगी बल्कि और ज्यादा बढ़ेगी इसलिए सरकार को विदेशी निवेश लागू करने से पहले एक बार विचार कर लेना चाहिए तब यह कानून बनाना चाहिए

धन्यवाद
देशहित में अजय पाण्डेय द्वारा जारी

मंगलवार, 12 जून 2012

ek shikshika se dusri shikshika ki baatein

एक बार एक शिक्षिका दूसरी शिक्षिका से कहती है की आजकल यह प्रश्न उठ रहा है की बच्चों का चारित्रिक निर्माण करने में शिक्षक लोग सहायक नहीं होते चिंता होती है बच्चो के भविष्य को देखकर आजकल बच्चे शिक्षको का सम्मान ही करना नहीं जानते और आजकल बच्चो को डाटने का नतीजा शिक्षक और शिक्षिकाओं की मौत निकल रहा है आजकल येही तो इस भारत में हो रहा है तो शिक्षिका कहती है दूसरी शिक्षिका से चुप रहने में ही भलाई है इसलिए चुप ही बैठे रहो सच में एक शिक्षिका की चिंता ही इसमें दिखाई देती है की आजकल बच्चे शिक्षको का सम्मान करना ही नहीं जानते जिस उम्र में बच्चो को शिक्षको का सम्मान करना चाहिए आज वही बच्चे शिक्षको का सम्मान करना नहीं जानते कैसी दुनिया हो गयी है ये पर कही न कही बच्चे भी गलत हैं जो शिक्षको का सम्मान नहीं करते और उनके लिए अभद्रता का प्रयोग हो रहा है ऐसे में शिक्षक और शिक्षिकाएँ क्या करें जब बच्चे ही ऐसे हो गए हैं तो क्या हमारे देश के यही संस्कार हैं क्या येही शिक्षा है हमारे संतो की आज हमारा देश एक अच्छा देश बनकर उभर रहा है दुनिया के सभी देशों में इसकी गिनती होती है पर जब भारत के बच्चे ही शिक्षक और शिक्षिकाओं का सम्मान नहीं करेंगे तो हमारे देश का येही हाल होगा इसीलिए यह सोचना चाहिए बच्चों को की अगर शिक्षक और शिक्षिकाओं का सम्मान नहीं होगा अभद्रता का उनके लिए प्रयोग होगा तो ज्ञान कैसे मिलेगा और तभी तो आजकल के बच्चो को कुछ समझ में नहीं आ रहा है शिक्षकों और शिक्षिकाओं का सम्मान एक मुद्दा है हमें इसके लिए एकजुट होना होगा अब हमें यह सोचना चाहिए की आखिर हम शिक्षको के सम्मान को कैसे बढ़ावा दें बच्चो को बताइए की शिक्षको और शिक्षिकाओं का सम्मान कितना जरुरी है फिर एक शिक्षिका अपनी दूसरी शिक्षिका से कहती है की आजकल के बच्चो की हवा कैसी ख़राब हो गयी है शिक्षको को मार दे रहे हैं उनसे उनकी जिंदगी छीन रहे हैं मुझे तो अब डाटने फटकारने की विधि का अधिकार ख़त्म होता दिख रहा है परीक्षा में ही देख लो कैसे नक़ल करने में डाटें तो आजकल के बच्चे ही ऐसे हो गए हैं आजकल के बच्चो की हवा ही खराब हो गयी है में तो यही कहती हूँ की बच्चे जो करते हैं करने दो जिंदगी जीने के लिए है मरने के लिए नहीं इसलिए पैसा कमाओ और चुपचाप बैठे रहो येही एक रास्ता है वर्ना हमारी तो जिन्दगी ही चली जायेगी यहाँ भी एक शिक्षिका की विडम्बना ही दिखाई दे रही है वो अब बच्चो को डाटने से भी डर  रही हैं कैसी विडम्बना है इस देश की शिक्षको और शिक्षिकाओं का सम्मान आज एक मुद्दा है पर इस के लिए सभी शिक्षको और शिक्षिकाओं को एकजुट होना होगा यह तभी होगा जब सभी शिक्षक और शिक्षिकाएँ रूचि लें अंत में में यह लेख अपनी कविता के साथ ख़त्म करना चाहूँगा
ज्ञान दीप से दीप जलाकर
शिक्षक यश आलोकित करते
कितने ही आदर्श सजाकर
जन जन में नैतिकता  भरते
इस कविता में यही कहा गया है की शिक्षक ज्ञान दीप जलाकर कितने अरमान संजोकर उनमे नैतिकता भरता है और छात्र हैं की शिक्षक और शिक्षिकाओं का सम्मान नहीं करते सभी छात्रों को शिक्षक का सम्मान करना चाहिए अगर विद्या का अच्छे से अभ्यास करना है तो
धन्यवाद
प्रिय शिक्षिका रूचि मैडम को समर्पित

गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

lekhan wah chintan ki vyatha gatha

लेखन व चिंतन की व्यथा गाथा
कागज पर कागज कलम पर कलम
करता जा रहा हूँ लेखन वह चिंतन
सब बन गए कूड़े के ढेर
ऐसा है लेखन की दुनिया में अंधेर
क्या कोई है ऐसा इंसान
जो करे सही मायने पर लेखन चिंतन की पहचान
यदि है कोई ऐसा  इंसान 
उसे मैं मानता हूँ भगवान 
नहीं तो सब बेकार है 
लेखन चिंतन नाकाम है 
क्योंकि किसी को नहीं इसकी पहचान है 
दुनिया में इंसान नहीं सब हैवान हैं 
तभी तो इस देश की यह पहचान है 
दुनिया में इस देश की यह पहचान है 
देते हैं सभी दुसरो को दोष 
सही अर्थो में अपनी नहीं पहचान है 
धन्यवाद 
कविताकार अजय पाण्डेय  

सोमवार, 12 मार्च 2012

आतंकवाद किस तरह से मानवता का भक्षक है बता रहे हैं अजय पाण्डेय
आतंकवाद विश्व की सबसे बड़ी समस्या है वर्त्तमान में ही नहीं प्राचीनकाल से ही आतंकवाद की समस्या चली आ रही है फर्क सिर्फ इतना है की प्राचीनकाल में यह सिर्फ विशेष वर्ग या समुदाय में हुआ करता था वर्त्तमान में इसका रूप विकराल होकर पुरे विश्व में फेल गया है
कहना यह होगा की प्राचीनकाल में राम रावन का युद्ध और कौरव पांडव का युद्ध एक आतंकवाद का ही रूप था जो हाथी घोड़े धनुषबाण तथा ढाल तलवार से हुआ करता था और मुग़ल काल में भी यह दो राजाओं के बीच इसी तरह ढाल तलवार और हाथी घोड़ो के द्वारा ही हुआ करता था
लेकिन वर्त्तमान युग इस युद्ध ने आतंकवाद का रूप ले लिया है और यह इतना विकराल हो गया है की समूचे विश्व में फेल गया है तथा atom  और परमाणु जैसे भयंकर विस्फोटक हथियारों से समूचे विश्व में मानवजाति के लिए खतरा बन चूका है
इतने भयंकर और घातक विस्फोटक पदार्थो के रहते मानवजाति ही नहीं बल्कि समूचे संसार के जीव जंतुओं का जीवन shanbhangur  बनकर रह गया है

मंगलवार, 6 मार्च 2012

chunav samajwadi party jeeti

samajwadi  पार्टी ने  जो   चुनाव जीता है  उसके लिए हम बहुत बहुत badhai unko dete है माननीय मायावती जी को जो श्हत्ति पहुची है उसके लिए हम उन्हें यह कहना चाहते हैं की आप विपक्ष में आई है यह बहुत बड़ी बात है आगे से आप पार्टी में अच्छे लोगो को प्रवेश दें जिससे अगली बार आपकी पार्टी जीते हार जीत तो हर किसी के जीवन में लगा रहता है
धन्यवाद

सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

aatankvad manavta ka bhakshak

आतंकवाद किस तरह से मानवता का भक्षक है बता रहे हैं अजय पाण्डेय
आतंकवाद विश्व की सबसे बड़ी समस्या है वर्त्तमान में ही नहीं प्राचीनकाल से ही आतंकवाद की समस्या चली आ रही है फर्क सिर्फ इतना है की प्राचीनकाल में यह सिर्फ विशेष वर्ग या समुदाय में हुआ करता था वर्त्तमान में इसका रूप पुरे विश्व में फेल गया है
कहना यह hoga

रविवार, 12 फ़रवरी 2012

chunav aayog ke aadesh ko na manna kaha tak sahi

कुशीनगर के पद्रोना विधानसभा शेत्र में  जो किया वह गलत था yeh   हमें भी गलत लगा देखिये चुनाव आयोग के आदेश भी मानने चाहिए